हम दौड़ते हैं भागते ही रहते हैं.... कुछ पैसों की तलाश में... कुछ सपनों के पीछे.....
बेवजह भीड़ में... झूठे प्यार की तरफ
व्यस्त रहते हैं.... खुद की उलझनों में....ये बड़े मोबाइल के social media के चक्करों में....
पर सुकून....है क्या?
सुकून.... hmmm
सुकून तो है... एक कप coffee ..... कुछ चिप्स....खुला आसमान.... कुछ यादें....ये चिड़ियों के घर जाने की चहचहाहट....शाम के पूजा की घंटी.... कुछ नोंक झोंक की आवाजें....भाई बहन की गप्पें....
और...
और....ये प्रकृति का अदभुत नजारा
kya khoob likha hai aapne
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